ज़िन्दगी रुकने का नाम नहीं

कहाँ ये 2022 चला गया सोचूँ तो सही

सीख क्या मिली टटोलूं तो सही

माना इस बार नया कुछ लिखा नहीं

पर नए साल में लिखने के लिए बहुत कुछ मिला भी

हर वो चीज़ का प्रयत्न किया

जो कबसे चाहती थी करना

हाँ साहस भी खूब मिला

ज़िन्दगी का खूब पाठ तो सीखा

आलोचना को कैसे प्रेरणा का स्त्रोत है बनाना

डूबती कश्ती को भी कैसे सजीव है करना

अपनी गलतियों को कैसे कामयाबी में बदलना

अपनी खामियों को कैसे सुधार कर आगे है बढ़ना

हाँ बहुत कुछ सीखा तो सही

फिर क्यों आत्म संदेह में तूँ डूब रही

उठ आगे बढ़

निशाना साध

और कूच कर

क्यूंकि

बढ़ने का ही नाम है ज़िन्दगी

हाँ बढ़ने का ही नाम है ज़िन्दगी!⚡️🌞

14.12.2022

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